लु लगने से रोकने के लिए जानकारी

मध्यम लक्षण:सर दर्द, चक्कर आना, उलटी होना, चेहरा पिला हो जाना, हृदय जल्दि जल्दि धडकना, ठण्डा पसिना आना
सख्त लक्षण : शरीर काँपना, कोमा, और मृत्यु समेत

वह लोग जो जोखिम मे है

प्रौढ लोग, दीर्घ रोगका मरीज , घर से बाहर काम करने वाला कामदार

रोकथाम के लिए उपाय

पहनाव :
खुला , हल्का रङका सुति का कपडा पहनिए ।

पेय पदार्थ:
यदि आपका शरीर अनुमति देता है तो प्रशस्त मात्रामा पानी पिजिए । आपको ज्यादा पसिना न आने पर भी प्रत्येक दिन कम से कम आठ गिलास (प्रत्येक गिलासमा २५० मीली लिटर) पानी पिजिए । घरके अन्दर बैठने पर प्रत्येक एक घण्टा मे और घरके बाहर होने पर प्रत्येक आधा घण्टामे पानी पिजिए । मदिरा और अन्य उत्तेजक पेय पदार्थ से दुर हरना मत भुल जाइए ।

आवास:
घरके भितर प्रशस्त ताजा हावा आवत जावत करनेका व्यवस्थाको कायम रखिए ।

यातायात:
आप घर से बाहर जाने से पहले मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान के बारेमे जानकार हो जाइए । अत्यन्त गर्मी होनेका चेतावनी दिया गया अवस्थामे सूर्यको किरणमे जाने और थकान होने वाला व्यायाम करने से दुर रहिए । आपना छाता, पेय पदार्थ साथ मे ले जना मत भुलिए और घर से बाहर जाने पर चौडा किनारा वाला टोपी ओढिए । आपना त्वचाका रक्षा करने के लिए प्रत्येक दो घण्टामे सन स्क्रिन लोसन लगाइए ।

लू लगने पर देखभाल

१. मरीजको तुरन्त सुरक्षित स्थान मे ले जाइए । ठण्डा बनानेके लिए पङ्खा या एयर कण्डीशनर चलाइये ।
२. शरीर पोछ्ने के लिए भिगी तौलिया प्रयोग करिए ।
३. यदि प्रौढ व्यक्ति होस मे है तो गुम गया तरल पदार्थको प्रतिस्थापन करने के लिए उसको पिनेके लिए यथेष्ट ठण्डा पेय पदार्थ दिजिए ।
४. यदि मरीज अचेत या सुस्त हो गया हो तो जितना जल्दि हो सके मरीजको अस्पताल लेजाइए ।